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नई पीढ़ी की कुमाउनी कविताओं का दस्तावेज है 'जो य गड. बगि रै' किताब

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                                     समीक्षा- रमेश पांडे 'कृषक', बागेश्वर      ललित तुलेरा नौजवान पीढ़ी का सिर्फ उभरता हुआ कवि ही नहीं है बल्कि कुमाउनी भाषा और कुमाउनी साहित्य की समझ से लबालब ललित नौजवानों के बीच कुमाऊनी भाषा और साहित्य को अधिक रुचिकर तरीके से परोसते हुए नव सृजन के कार्यों में भी समर्पित है।        वर्ष 2021 में ललित ने एक छोटे से लेकिन बेहतरीन प्रयास के माध्यम से 15 से 25 वर्ष उम्र के नौजवानों की रचनाओं का एक संकलन जो य गड. बगि रै शीर्षक से  कुमाउनी भाषा के कविता संग्रह के रूप में समाज को सौंपा है।        भास्कर भौर्याल, दीप चंद आर्या, भारती जोशी, दीपक सिंह भाकुनी, गायत्री  पैंतोला, हिमानी डसीला, कविता फर्त्याल, ममता रावत, मनोज सोराड़ी, रोहित जोशी, कमल किशोर कांडपाल, भावना जुकरिया, प्रकाश पांडे, पीयूष धामी, पूजा रजवार, ज्योति भट्ट और स्वयं ललित तुलेरा का संक्षिप्त पारिवारिक और सैक्षणिक परिचय देते हुए इनकी लिखी हुई...

'उज्याव' संगठन का वार्षिकोत्सव मनाया, कुमाउनी कविताएं सुनाई

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  ललित तुलेरा, अल्मोड़ा ।     कुमाउनी भाषाक बिकासक लिजी युवाओं द्वारा बणाई 'उज्याव' संठनक एक साल पुर हुण पर वार्षिकोत्सव मनाई गो।  य मौक पर 26 दिसंबर 2022 हुं ब्यालकार 07 बाजी बै औनलाइन 'विराट कुमाउनी कवि सम्मेलन' उरयाई गो।       'उज्याव' कुमाउनी भाषा में कलम चलूणी युवाओंक संगठन छु, जमें कुमाऊँ समेत देश भर बै प्रवासी कुमाउनी रचनाकार लै जुड़ रई। संगठन द्वारा हर महैण आँखिरी इतवारक दिन एक औनलाइन कवि गोष्ठी कराई जैं। य संगठन  26 दिसंबर 2021 हुं बागेश्वर में आयोजित 'राष्ट्रीय कुमाउनी भाषा सम्मेलन' में युवाओं द्वारा बणाई गोछी।   कार्ययक्रम में कवि गोष्ठीक संचालन कुमाउनी युवा कवि व 'उज्याव' संगठनक संयोजक  दीपक सिंह भाकुनी द्वारा करी गो। कार्यक्रमक शुभारंभ कवयित्री  पुष्पालता जोशी 'पुष्पांजलि'  द्वारा माँ शारदाक वंदना द्वारा करी गो।  ●  यों कुमाउनी रचनाकारोंल करो कविता पाठ-       कार्यक्रम में कुमाउनी कवि गोपाल सिंह बिष्ट (देहरादून), भूपाल बिष्ट (रानीखेत), नंद ...

'कुमाउनी संस्कृति सेवी सम्मान' से सम्मानित होंगी जया डौर्बी

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    लोक कलाकार  जया डौर्बी  को 'कुमा उनी संस्कृति सेवी सम्मान' के लिए चुना गया है।  कला के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें यह  सम्मान दिया जा रहा है।  11, 12 व 13 नवंबर 2022  को हीरानगर, हल्द्वानी (उत्तराखंड) में आयोजित तीन दिवसीय ' राष्ट्रीय कुमाउनी भाषा सम्मेलन' में  उन्हें इस सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।  यह सम्मेलन   कुमाउनी भाषा की प्रसिद्घ मासिक पत्रिका ' पहरू'  और ' कुमाउनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति'  की तरफ से आयोजित 14 वां सम्मेलन है।     राष्ट्रीय स्तर के इस कार्यक्रम में कुमाऊं और देश भर से प्रवासी कुमाउनी साहित्यकार, कुमाउनी भाषा प्रेमी, संस्कृतिकर्मी, कलाकार, चित्रकार शामिल होंगे। सम्मेलन में कुमाउनी भाषा, साहित्य, संगीत, कला पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इस कार्यक्रम में साहित्य, कला, संगीत में योगदान दे रहे शख्सियतों को सम्मानित व पुरस्कृत किया जा रहा है। सम्मेलन में पुस्तक प्रदर्शनी, फोटी प्रदर्शनी, समाचार कटिंग प्रदर्शनी, कला एवं चित्र प्रदर्शनी सहित अन्य कई प्...

मोहन टेलर, जो एक जमाने में आठ ग्राम सभाओं के कपड़े सिलते थे

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          ललित तुलेरा tulera.lalit@gmail.com मो.-7055574602       अ गर आपकी रूचि का काम ही आपके आय का साधन बन जाए तो वह संतोष देता है।      मोहन राम को लोग 'मोहन टेलर' के नाम से जानते हैं। 72 वर्ष के मोहन राम पिछले लगभग 52 सालों से कपड़े सिलते हैं। वस्त्र सिलने की इसी हुनर से वे अपने परिवार का भरण-पोषण करते आए हैं।                                    (डाकघट)        बागेश्वर जिले के गरूड़ ब्लॉक से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित लाहुर घाटी में एक छोटा व्यवसायिक केन्द्र है- डाकघट। यहां से कुछ दूरी पर जखेड़ा गांव का एक तोक है-'मड़की'। मोहन राम का जन्म यहीं हुआ था। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा अपने गांव जखेड़ा से ही प्राप्त की। गरीबी और स्कूल दूर होने कारण कक्षा सातवीं तक ही पढ़ाई कर पाए। अपने करियर के लिए उन्होंने सिलाई को चुना।    ●  आठ ग्राम सभाओं के विभिन्न गॉंवों के लोगों के कपड़े सिलते थे-...

हल्द्वानी में कुमाउनी भाषा का 14 वां राष्ट्रीय सम्मेलन

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हल्द्वानी । ‘पहरू’ कुमाउनी मासिक पत्रिका और ‘कुमाउनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति’ की ओर से वर्ष 2009 से प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले तीन दिवसीय ‘राष्ट्रीय कुमाउनी भाषा सम्मेलन’ का आयोजन 11 नवंबर से 13 नवंबर 2022 तक हल्द्वानी में होगा। ‘पहरू’ पत्रिका और समिति द्वारा आयोजित यह सम्मेलन कुमाउनी भाषा का 14 वां राष्ट्रीय सम्मेलन है।        यह सम्मेलन हीरा नगर स्थित ‘पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच’ हल्द्वानी में आयोजित हो रहा है। सम्मेलन भव्य रूप में मनाया जा रहा है। जिसमें कुमाऊं और उत्तराखंड से बाहर देश भर में बसे कुमाउनी साहित्यकार, कुमाउनी भाषा प्रेमी, संस्कृतिकर्मी, कलाकार, चित्रकार शामिल होंगे।         सम्मेलन की रूपरेखा तैयार करने के लिए 16 अक्टूबर 2022 को हीरा नगर, हल्द्वानी में हुकुम सिंह कुँवर की अध्यक्षता में सम्मेलन आयोजन समिति की बैठक हुई।        हुकुम सिंह कुँवर ने इस इस सम्मेलन को कुमाउनी भाषा के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन कुमाउनी समाज के आत्मसम्मान और पहचा...

‘हिलदाना’ कंपनी पहाड़ में रोजगार देने में होगी मददगार

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13 अक्टूबर 2022 अल्मोड़ा।  प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत संचालित ‘हिलदाना’ रियल स्पाइस एंड फूड्स कंपनी का उद्घाटन पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल द्वारा समारोहपूर्वक किया गया। कम्पनी की प्रबंध निदेशक माया फर्त्याल ने बताया कि, वर्तमान में उनकी कंपनी लमगड़ा निकट डोल आश्रम से संचालित हो रही है तथा उच्च गुणवत्ता युक्त मसाले, मिर्च, धनिया, हल्दी, गर्म मसाला, मीट मसाला खड़ा मसाला, सूखे मेवे, बेसन, आटा आदि उत्पाद बाजार में उपलब्ध करा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि उनका लक्ष्य अगले दो वर्षों में उच्च गुणवत्ता वाले 40 उत्पाद बाजार में लाने का है जो पूरी तरह शुद्ध और उच्च मानकों पर आधारित होंगे। भविष्य में हिलदाना स्थानीय काश्तकारों से जैविक उत्पाद खरीदकर  उनको बाजार में उपलब्ध कराने का काम भी करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि ‘हिलदाना’ कंपनी पहाड़ में रोजगार उपलब्ध कराने में मददगार साबित होगी।         ( कंपनी का उद्घाटन करते पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल)        कम्पनी उद्घाटन के इस मौके ...

कुमाउनी भाषा के सामर्थ्य को उजागर करती दो किताबें

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    (पहाड़ी भाषा समूह की प्रमुख भाषा ' कुमाउनी ' पर पिछले वर्ष २०२१ में दो खंडों में ' कुमाउनी भाषा : विविध आयाम' किताब   दो खंडों में प्रकाशित हुई है। ये दोंनों संपादित पुस्तकें हैं। जिनका संपादन साहित्यकार त्रिभुवन गिरि व डॉ.ललित चंद्र जोशी 'योगी' द्वारा किया गया है। इन दोनों पुस्तकों पर कुमाउनी भाषा में समीक्षकीय नजर डाल रहे हैं युवा लेखक ललित तुलेरा ।  )       खु शीक बात य छु पहाड़ि भाषान में इनर लिजी फिकरमंद बिद्वानोंल काम करौ और करण लागि रईं। पहाड़ि भाषान में कुमाउनी एक खास भाषा छु। य जाणि बेर छपि-छपि लागैं कि साहित्य मामिल में कुमाउनी में संतोषजनक बुति हुण लागि रै, पर भाषा विज्ञान, व्याकरण, कोश विज्ञान, शोध, मानकीकरण जा्स विषयन पर कम काम है रौ।       पिछाड़ि साल एक किताब द्वी भागन में छपै- ‘ कुमाउनी भाषा विविध आयाम’ पैंल खंड और दुसर खंड। यों दुवै कुमाउनीक हित में भौत खास पोथि छन। इनरि भाषा हिंदी छु। किताबक पैंल खंड में मध्य पहाड़ी भाषान पर हिंदी भाषा में लेखी 20 लेख शामिल छन। हुक्का क्लब (लक्ष्मी भंडार) अल्...

'उज्याव' संगठनल उरया सतूं औनलाइन कुमाउनी युवा कवि गोष्ठी

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ललित तुलेरा, अल्मोड़ा । 28 अगस्त 2022 हुं इतवारक दिन ' उज्याव ' ( कुमाउनी भाषाक लिजी युवा तराण) संगठन द्वारा आपण मासिक कुमाउनी काव्य पाठ कार्यक्रम करी गो। ब्यालकार 07 बाजी बै गूगल मीट में ऑनलाइन उरयाई यो 7तूं मासिक कार्यक्रम में रचनाकारोंल कुमाउनी भाषा में कविता सुणाई।        'उज्याव' कुमाउनी भाषा में कलम चलूणी युवाओंक संगठन छु, जमें कुमाऊँ समेत देश भर बै प्रवासी कुमाउनी रचनाकार लै जुड़ रई। संगठन द्वारा हर महैण आँखिरी इतवारक दिन एक ऑनलाइन कवि गोष्ठी कराई जैं। कवि गोष्ठीक संचालन कुमाउनी युवा कवि व 'उज्याव' संगठनक संयोजक  दीपक सिंह भाकुनी द्वारा करी गो। य बार कार्यक्रम में खास पौण व कार्यक्रम अध्यक्ष कुमाउनी साहित्यकार पूरन चंद्र कांडपाल (दिल्ली) छी। कार्यक्रमक शुभारंभ दीपा पांडे द्वारा मां शारदाक प्रार्थनाल करी गो।  ●  यों कुमाउनी रचनाकारोंल करो कविता पाठ-         कार्यक्रम में कुमाउनी कवि गोपाल सिंह बिष्ट (देहरादून), पुष्पलता जोशी 'पुष्पांजलि' (हल्द्वानी), भूपाल बिष्ट(रानीखेत), श्रीमान नंदकिशोर जोशी (गुजरात), डॉ. दयासागर...

'उज्याव' संगठनल उरया औनलाइन कुमाउनी युवा कवि गोष्ठी

ललित तुलेरा, अल्मोड़ा । 24 जुलाई  2022 हुं इतवाराक दिन ' उज्याव ' ( कुमाउनी भाषाक लिजी युवा तराण) संगठन द्वारा आपण मासिक कुमाउनी काव्य पाठ कार्यक्रम करी गो। ब्यालकार 07 बाजी बै गूगल मीट में ऑनलाइन उरयाई यो 6ठूं मासिक कार्यक्रम में युवा रचनाकारोंल कुमाउनी भाषा में कविता सुणाई।        'उज्याव' कुमाउनी भाषा में कलम चलूणी युवाओंक संगठन छु, जमें कुमाऊँ समेत देश भर बै प्रवासी कुमाउनी रचनाकार लै जुड़ रई। संगठन द्वारा हर महैण ऑंखिरी इतवारक दिन एक ऑनलाइन कवि गोष्ठी कराई जैं। कवि गोष्ठीक संचालन कुमाउनी युवा कवि व 'उज्याव' संगठनक संयोजक  दीपक सिंह भाकुनी द्वारा करी गो। य बार कार्यक्रम में खास पौण व कार्यक्रम अध्यक्ष कुमाउनी साहित्यकार डॉ.भगवती पनेरु (हल्द्वानी) छी। कार्यक्रमक शुभारंभ दीपा पांडे द्वारा मां शारदाक प्रार्थनाल करी गो।  ● यों कुमाउनी रचनाकारोंल करो कविता पाठ-   युवा कवि नंद किशोर जोशी (गुजरात) , दीपा पांडे (चंपावत),  कमल कवि कांडपाल ( बागेश्वर) , मनोज पांडे (दिल्ली), हर्षवर्धन जोशी (सोमेश्वर), कविता फर्त्याल (अल्मोड़ा), त्रिवेंद्र जोशी( हल्द...

कुमाउनी साहित्य की दो महत्त्वपूर्ण कृतियां : समीक्षा

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कुमाउनी साहित्यक दुणी में जतुकै कवि उदुकै कथाकार रूप में पैठ धरणी सशक्त लेखार जगदीश जोशी ज्यूक ‘आँखिरी पात’ और ‘मेरि लेखि चिट्ठि म्यारै नाम’ किताब सामणि ऐरी। कुमाउनी साहित्य कैं नई तराण दिणी पोथि छन, यो दुवै दमदार किताब कुमाउनी अनुवाद और संस्मरण विधाक जरूरी किताबाक रूप में देखां है रईं।  यों किताबोंक समीक्षा करनई कुमाउनी युवा समीक्षक-  ललित तुलेरा   । (1).      ‘ आँ खिरी पात’ कुमाउनी साहित्यकि दुणी में भौत खास और बिशेष पोथीक रूप में हमर सामणि ऐ रै। य पोथी यै वील भौत बिशेष छु कि इमें दुनी भरिक 14 कालजयी कहानीकारोंक 14 कहानियोंक कुमाउनी भाषा में अनुवाद करि राखौ। इन साहित्यकारन में साहित्यक नोबेल पुरस्कार प्राप्त साहित्यकार लै छन।             अमेरिकी साहित्यकार ओ.हेनरी क ‘द लास्ट लीफ’ कहानिक  कुमाउनी रूप ‘आँखिरी पात’ आधार पर किताबक नाम पड़ि रौ। य चर्चित कहानि पर ‘ओ. हेनरीज फुल हाउस’ नामल 1952 में चलचित्र बणौ और दुबार 1983 में 24 मिनटकि फिलम बणै। 2013 में बणी बाॅलीवुड फिलम ‘लुटेरा’ लै यई कहानि पर आधारित बणाई...