हल्द्वानी में कुमाउनी भाषा का 14 वां राष्ट्रीय सम्मेलन
हल्द्वानी। ‘पहरू’ कुमाउनी मासिक पत्रिका और ‘कुमाउनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति’ की ओर से वर्ष 2009 से प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले तीन दिवसीय ‘राष्ट्रीय कुमाउनी भाषा सम्मेलन’ का आयोजन 11 नवंबर से 13 नवंबर 2022 तक हल्द्वानी में होगा। ‘पहरू’ पत्रिका और समिति द्वारा आयोजित यह सम्मेलन कुमाउनी भाषा का 14 वां राष्ट्रीय सम्मेलन है।
यह सम्मेलन हीरा नगर स्थित ‘पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच’ हल्द्वानी में आयोजित हो रहा है। सम्मेलन भव्य रूप में मनाया जा रहा है। जिसमें कुमाऊं और उत्तराखंड से बाहर देश भर में बसे कुमाउनी साहित्यकार, कुमाउनी भाषा प्रेमी, संस्कृतिकर्मी, कलाकार, चित्रकार शामिल होंगे।
सम्मेलन की रूपरेखा तैयार करने के लिए 16 अक्टूबर 2022 को हीरा नगर, हल्द्वानी में हुकुम सिंह कुँवर की अध्यक्षता में सम्मेलन आयोजन समिति की बैठक हुई।
हुकुम सिंह कुँवर ने इस इस सम्मेलन को कुमाउनी भाषा के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन कुमाउनी समाज के आत्मसम्मान और पहचान को बनाए रखने में कारगर साबित होगा और कुमाउनी भाषा, साहित्य, संस्कृति के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
'पहरू' संपादक डॉ. हयात सिंह रावत ने कहा कि इस सम्मेलन में कुमाउनी भाषा, साहित्य, संगीत, कला का सम्मिलित रूप देखने में आएगा और भाषा, साहित्य, कला, संगीत में योगदान दे रहे प्रतिभाओं को सम्मानित व पुरस्कृत भी किया जाएगा। उन्होंने जानकारी दी कि सम्मेलन में पुस्तक प्रदर्शनी, फोटी प्रदर्शनी, समाचार कटिंग प्रदर्शनी, कला प्रदर्शनी सहित अन्य प्रदर्शनीयां लगाई जाएंगी। इस तीन दिवसीय सम्मेलन के सभी कार्यक्रमों को शोसल मीडिया के माध्यम ले लाइव प्रसारण भी कराया जाएगा।
बैठक में डॉ.चंद्रशेखर तिवारी, नरेन्द्र बंगारी, भोपाल सिंह बिष्ट ‘कलियुगी’, डॉ. दीपा गोबाड़ी, ब्रिगे. धीरेश जोशी, नमिता सुयाल, दयाल पांडेय, हिमांशु पाठक ‘रिश्की’, गोविंद बल्लभ बहुगुणा, डाॅ. संजय गुरूरानी, दयाल पांडे, नारायण सिंह बिष्ट, हेम चंद्र खोलिया, भैरवदत्त पांडे, बीना भट्ट बड़शिलिया, लोकमणि गुरूरानी, डॉ.भगवती पनेरू, ललित मोहन सिंह जीना, पुष्पलता जोशी 'पुष्पांजलि', हेमा हर्बोला, डाॅ. मंजू पांडे ‘उदिता’, नारायण सिंह बिष्ट 'नरैण', डॉ. लता कांडपाल, बीना फुलेरा, ललित मोहन सिंह जीना, सुंदर लाल मदन, आनंद सिंह ठठोला, दिनेश पंत सहित आदि लोग उपस्थित रहे।
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