भारतक पास अगुवाई करणक ठुल मौक जी-20

  ■ शशि शेखर जोशी, 

  अल्मोड़ा (उत्तराखंड), मो.-9084488511

यो पैंल मौक छू जब जी-20 देशोंक शिखर सम्मेलन हमर भारत देश में हुण लाग रौ और भारत यैकि अध्यक्षता करण लाग रौ। जी-20 शिखर सम्मेलन- ‘एक पृथ्बी, एक परिवार, एक भविष्य’ सोच दगाड़ 09 और 10 सितंबर 2023 हुं प्रगति मैदान दिल्ली में आयोजित हुण लाग रौ। यो जी-20 समूहक 18 ऊं शिखर सम्मेलन छू जो देशक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीक अध्यक्षता में संपन हुण लाग रौ। जी.-20 वर्किंग गु्रपकि बैठक 13 बटी 16 दिसंबर तक मुंबई में भै। भारत आपण पचास है जादा शहरों माध्यमलि जी.-20 समूहकि 200 है जादा बैठकों मेजबानी करण लाग रौ। उत्तराखंड कैं जी-20 में तीन बैठकों मेजबानी करणक मौक मिल रौ। 28 बै 30 मार्च 2023 तक रामनगर में चीफ साइंस एडवाइजर राउंड टेबुल बैठक समपन है गे। नरेन्द्र नगर में भ्रष्टाचार बिरोधी कार्यसमूहकि बैठक 25 बै 27 मई 2023 तक और इंफास्ट्रक्चर वर्किंग समूहकि बैठक 26 बै 28 जून 2023 तक आयोजित करी जालि। भारत दिसंबर 2022 बै एक सालक लिजी जी -20 समूहकि अध्यक्षता करल और 30 दिसंबर 2023 तक जी -20 समूहक अध्यक्ष बणी रौल।

जी-20 बीस या ग्रुप ऑफ ट्वेंटी में उनीस देश अर्जेन्टीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, कोरिया गणराज्य, रूस, सउदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किए, युनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल छन। इनर अलावा सम्मेलन में आमंत्रित सदस्यों रूप में बांग्लादेश, मिस्र, माॅरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात भाग ल्हिण लाग रई।

जी-20 क गठन 1999 में करी गो और यो मूलरूप में जी -20 देशों वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंकों गर्वनरों बैठक छी। यैक उद्देश्य वैश्विक संकट कैं दूर करणक लिजी फैदमंद नीतियों पर चर्चा करण छी। जी-20 ऐल दुनी में आर्थिक सहयोगक मुख्य मंच छू जो सबै अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर नीतियों कैं बणूनक और उनूकैं मजबूत करण में महत्वपूर्ण भूमिका निभौं। जी-20 कैं दुनियक शक्तिशाली देशों संगठन जी.-7 क बिस्तार मानी जां, जमें फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा शामिल छी। बाद में रूसक शामिल हुण पर यो समूह जी-8 कई गो।

1999 में जर्मनी कोलोन में जी.-8 देशों बैठक आयोजित भै, जमें उ टैम में एशिया में जारी आर्थिक संकट पर बात करी गे। यैक बाद दुनीयांक बीस शक्तिशाली अर्थब्यवस्था वा्ल देशों कैं एक मंच पर लूणक फैसाल करी गो और जी-20 कैं आर्थिक मंचक रूप में पछयाण दिई गे। यैक पछिल एक सोच लै छी कि दुनियक महत्वपूर्ण औद्योगिक और बिकासशील अर्थब्यवस्थाओं कैं एक दगड़ लाई जाओ ताकि वैश्विक अर्थब्यवस्था सुचारू ढङल चल सकौ।


●  जी-20 क तीन मुख्य उदेश्य छन-

पैंल- वैश्विक आर्थिक स्थिरता और सतत बिकास करणक लिजी सदस्य देशों बीच समन्वय, दुसर- बित्तीय संकटों कैं रोकणक लिजी बित्तीय नियमों कैं अघिल बढूण और तिसर- एक नई और भल अंतरराष्ट्रीय बित्तीय ढांच बणून।

हर साल जी- 20 क सम्मेलन आयोजित करी जां। सम्मेलन रोस्टरक हिसाबलि सदस्य देशों में उनरि मेजबानी में आयोजित करी जां। शुरू जी-20 व्यापक आर्थिक मुद्दों पर केद्रित रौ पर बाद में एजेन्डा में बिस्तार करते हुए वील और मुद्दों दगड़ ब्यापार, जलवायु परिवर्तन, सतत बिकास, स्वास्थ्य, कृषि, उर्जा, पर्यावरण और भ्रष्टाचार बिरोध जास बिषयों कैं लै आपण एजेंडा में शामिल करौ। जी-20 हर साल एक प्रेसीडेंसी नेतृत्व में आयोजित करी जां। जी-20 प्रेसीडेंसी एक सालक लिजी जी-20 एजेंडा कैं अघिल बणौनक काम करैं।

जी-20 में द्वी समानांतर ट्रैक हुनी। पैंल- फाइनेंस ट्रैक और दुसर शेरपा ट्रैक। वित्त टेªकक नेतृत्व सदस्य देशों वित्त मंत्री और केन्द्रीय बैंकों गवर्नर करनी, जबकि शेरपा ट्रैकक नेतृत्व सदस्य देशों शेरपाओं द्वारा करी जां। जो कि ऊं देशों नेताओं निजी दूत हुनी। जी-20 सम्मेलन में सदस्य देशों और आमंत्रित देशोंक दगड़ संयुक्त राष्ट्र संघ, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष, विश्व बैंक, बिश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व ब्यापार संगठन, एशियाई बिकास बैंक जस तमाम संगठन आमंत्रित संगठनों रूप में भाग लिण ला्ग रई।

भारत कैं जी-20 नेतृत्व करणक मौक यस टैम पर मिल रौ जब दुनी कोविड-19 बै उबरण में लाग रै और दुनी जलवायु परिवर्तनक खत्रक जद में लै छू। यस में जी-20 अध्यक्ष तौर पर भारतकि प्राथमिकता जलवायु परिवर्तन हुणी छु, जमें जलवायु परिवर्तन वित्त और प्रौद्योगिकी पर बिशेष तौर पर करी जालि।

सतत बिकास ऐल दुनी में एक मुख्य मुद्द छू जमें पर्यावरण अनुकूल समावेशी बिकासकि बात कई जैं। मानी जां कि सतत बिकासक लिजी एक तेज, लचिल और समावेशी बिकस जरूरी हुंछ। जी-20 में भारतकि प्राथमिकता रौलि कि यस बिकासकि पैरवी करते हुए ऊं क्षेत्रों में ध्यान केन्द्रित करी जाओ जो ढांचागत बदलाव लै सकनी। यैक दगड़ै श्रम अधिकारों और श्रम कल्याणों कैं बढ़ावा लै वीक प्राथमिकता में रौल।

सतत बिकास लक्ष्य संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित सत्र यस लक्ष्य छन जो बिश्व बिकास पर आधारित छन। संयुक्त राष्ट्र संघक सदस्य देशों कैं साल 2030 तक यो लक्ष्यों प्राप्ति करण छू। 

जी-20 लिजी भारतकि प्राथमिकता में सतत बिकास लक्ष्यों प्राप्ति कोशिश कैं तेज करण लै रौल। भारतक ध्यान रौल कि सतत बिकास लक्ष्यों प्राप्ति लिजी जी-20 कि कोशिश कैं तेज करी जाओ। भारतकि प्राथमिकता रौलि कि जी-20 क माध्यमलि उ आपण प्रौद्योगिकी लिजी मनखी केन्द्रित दृष्टिकोण कैं अघिल बढ़ाल।

भारतकि प्राथमिकता रौणी छ कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 21ऊं सदी मुसकिलों दगड़ लड़नै लिजी अंतरराष्ट्रीय संस्थानों कैं बढ़ावा दिई जाओ। जी-20 में भारतकि यो लै कोशिश रौलि कि जी-20 देशों में बिकास प्रक्रिया में स्यैणियों नेतृत्व कैं बढ़ावा दिई जाओ।

जी-20 सिरफ एक बैठक न्हैतन बल्कि भारतक लिजी एक मौक छू जब उ दुनी में आपणि सशक्त उपस्थिति दर्ज करौण लाग रौ। जी-20 सम्मेलनक लोगो और सूत्रवाक्य भारतकि भावना और दृष्टिकोण कैं सामणि धरण लाग रई। उ बतौण लाग रई कि हम यस सतत बिकास चानू जो सबन कैं दगड़ लिभेर चलो। यो सिरफ आर्थिक मुद्दों पर बात करणक टैम न्हैं बल्कि यैक माध्यमलि भारत आपणि समथ्र्य और नेतृत्व क्षमता लै दुनी कैं दिखाल। यो टैम छू जब जी-20 क माध्यमल भारतकि सामाजिक सांस्कृतिक बिरासत दुनियकि सामणि आलि। जी-20 कि बैठक दुनी में नई आर्थिक बिकासक द्वार खोललि और भारत उमें निर्णायक भूमिका में उभर बेर आल। 

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