'मृग मरीचिका' कहानी संग्रह किताब का विमोचन

अल्मोड़ा। 'हरेला इनोवेशन' संस्था के तत्वावधान में सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) से सेवानिवृत्त  रतन सिंह बंगारी का कहानी संग्रह 'मृग मरीचिका' का शहर के प्रतिष्ठान 'बैठक' में विमोचन किया गया। 'मृग मरीचिका' किताब पर समीक्षात्मक व्याख्यान देते हुए डॉ. गजेन्द्र बटोही ने कहा कि रतन सिंंह बंगारी कृत 'मृग मरीचिका' में लिखित कहानियां मध्य हिमालय के पहाड़ी समाज की अभिव्यक्ति हैं और पहाड़ का सामाजिक जनजीवन  इन कहानियों में दृष्टिगोचर होता है। रतन सिंह बंगारी ने कहा कि उनकी पृष्ठभूमि लेखन से जुड़ी नहीं रही परंतु यह कहानी संग्रह लिखित अभिव्यक्ति के रूप में उनका पहला प्रयास है। उन्होंने कहा कि कहानियां लिखने का उनका प्रेरक जीवन का संघर्ष और समाज रहा है। 


सेवा निवृत्त शिक्षिका नीलम नेगी ने कहा कि साहित्य मानव जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और आधुनिक युग में हमें साहित्य के महत्व को समझना होगा तथा युवा पीढ़ी को सोशल मीडिया से इतर साहित्य को अपने जीवन से जोड़े रखना चाहिए। 
अध्यक्षीय भाषण में साहित्यकार त्रिभुवन गिरि ने कहा कि 'मृग मरीचिका' किताब समाज को सकारात्मक संदेश देने में सहायक होगी। 
कार्यक्रम का संचालन- 'पहरू' कुमाउनी पत्रिका संपादक- डॉ. हयात सिंह रावत ने किया। इस अवसर पर एडवोकेट जमन सिंह बिष्ट, एडवोकेट महेश परिहार, साहित्यकार नवीन बिष्ट, नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, 'बालप्रहरी' संपादक- उदय किरौला, विपिन चंद्र जोशी 'कोमल', भरत बंगारी, पूरन जोशी व नरेन्द्र बंगारी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। 
                 अपना वक्तव्य रखते रतन सिंह बंगारी
 रतन सिंह बंगारी मूलत: अल्मोड़ा जिले के ग्राम मन्हैत के निवासी हैं और वर्तमान में अल्मोड़ा शहर के सरकार की आली में रहते हैं। 

पुस्तक विमोचन के इस अवसर पर रतन सिंह बंगारी के पारिवारिक सदस्य माधो सिंह बंगारी, धर्मा बंगारी, नीतू बंगारी, भरत बंगारी, नरेन्द्र बंगारी, पान सिंह बंगारी के अलावा बहादुर सिंह कालाकोटी, दयाल पांडे, मनमोहन तिवारी, बहादुर सिंह बिष्ट, राजेन्द्र रावत, चंदन नेगी,  ललित तुलेरा, राजेन्द्र डालाकोटी, गोविंद रावत,  सुलभ शाह, राहुल कांडपाल आदि उपस्थित थे।।

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