हल्द्वानी में पहली बार कुमाउनी युवा करेंगे आपनी मातृभाषा का आयोजन
ललित तुलेरा, अल्माड़। उत्तराखंड भाषाओं मामिल में सम्पन्न छु। यां कएक संस्कृतियोंक लोग रूनी और उनरि आपणि भाषा लै संपन्न छन। उत्तराखंड में खास रूपल कुमाउनी, गढ़वाली द्वी लोक भाषा जादे चलन में छन, जनूकैं पहाड़ी भाषान में गणी जां। इन द्वी भाषाओंक लोग आपणि भाषाओं बिकास में भौत लंब टैम बै प्रयास करनै रई छन।
कुमाउनी युवाओंक संगठन 'उज्याव' उणी वा्ल २४ दिसंबर २०२३ हुं हल्द्वाणि में पैंल बार एक दिनी कार्यक्रम करण लागि रौ। उज्याव संगठनक संस्थापक युवा रचनाकार दीपक भाकुनी ल बता कि कार्यक्रम में भाषाक बिकास में काम करनेर युवाओं कैं सम्मानित करी जा्ल। य कार्यक्रम में भाषा पर विमर्श, व्याख्यान और कवि सम्मेलन लै करी जा्ल।
● 'उज्याव' संगठनक परिचय-
'उज्याव' कुमाउनी, भाषा साहित्य व संस्कृतिक बिकास में कुमाउनी युवा पीढ़ीक योगदानै लिजी कुमाउनी युवाओं परयासोंल शुरू करी एक पहल छु, जां उ आपणि पछयाण, आपणि दुदबोलिक सज-समावै लिजी एक ह्वाल। य पहल द्वारा युवा आपणि मातृभाषा कुमाउनी दगै जुड़ाल।
'उज्याव' संगठनक लोगो
'उज्याव' एक परयास छु कुमाउनी युवा पीढ़ी कैं भाषा, साहित्य दगै मोह पैद करण, कुमाउनी कैं समाज में लोकप्रिय बणूनक। य संगठनक गठन बागेश्वर में हई तीन दिनी 'राष्ट्रीय कुमाउनी भाषा सम्मेलन' क दुसर दिन २६ दिसंंबर २०२१ हुं करी गोछी। 'उज्याव' संगठनक स्थापनाक मौक पर 'पहरू' संपादक डॉ. हयात सिंह रावत, सम्मेलन संयोजक- किशन सिंह मलड़ा, डॉ. कुंदन सिंह रावत समेत कुमाउनी साहित्यकार व भाषाप्रेमी शामिल छी। 'उज्याव' संगठनक गठनकि सोच चनौदा, अल्माड़ रौणी दीपक सिंह भाकुनी क छु। संगठन द्वारा हर महैण आँखिरी इतवारक दिन एक औनलाइन कवि गोष्ठी कराई जैं।
य एक दिनी कार्यक्रम 'रूदांक्ष' बैंकट हॉल, नवाबी रोड, हल्द्वानी में ठैराई रौ, जमें भाषाप्रेमियोंक ठुलि तादात में एकबटीणकि उमीद छु।
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