अल्मोड़ा । उत्तराखंड की लोक भाषाओं का विकास करने और उन्हें सँवारने की दरकार हमेशा रही है। उत्तराखंड की एक प्रमुख लोक भाषा कुमाउनी के विकास में पिछले दो दशक से जुटी ‘कुमाउनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति’ व कुमाउनी भाषा की मासिक पत्रिका ‘पहरू’ की ओर से हर वर्ष राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन किया जा रहा है। समिति और ‘पहरू’ पत्रिका की ओर से यह सम्मेलन 2009 से किए जा रहे हैं। कुमाउनी भाषा पर केन्द्रित यह सम्मेलन तीन दिवसीय होता है। इस वर्ष 16 वां सम्मेलन चंपावत में आयोजित किया जा रहा है। इस राष्ट्रीय सम्मेलन में कुमाऊं सहित देश भर से प्रवासी कुमाउनी साहित्यकार, विद्वान और भाषाप्रेमी प्रतिभाग करते हैं। 15 सितंबर को चंपावत में समिति और ‘पहरू’ पत्रिका की ओर से आयोजित गोष्ठी में तय हुआ कि इस वर्ष ‘राष्ट्रीय कुमाउनी भाषा सम्मेलन’ आगामी 10, 11 व 12 नवंबर को चंपावत में आयोजित किया जाएगा। साहित्यकार डाॅ. तिलकराज जोशी की अध्यक्षता में आयोजित इस गोष्ठी में सम्मेलन संयोजक शिक्षाविद डाॅ. भुवन चंद्र जोशी को बनाया गया है। इस अवसर पर कुमाउनी भाषा के विकास पर चर्चा हुई और कुमाउनी कवि ...
अल्मोड़ा । कुमाऊं में प्रचलित होलियों का संकलन 'कैले बांधी चीर...' पुस्तक का विमोचन 'पहरू' कुमाउनी मासिक पत्रिका कार्यालय में हुआ। होलियों का यह संकलन 'कुमाउनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति' कसारदेवी अल्मोड़ा से प्रकाशित हुई है। यह किताब कुमाउनी लेखक शिवदत्त पांडे ने तैयार की है जिसमें उन्होंने तीन दर्जन से अधिक होलियों को संकलित किया है। शिवदत्त पांडे अल्मोड़ा जिले में स्थित ग्राम कफलनी (दन्या) के निवासी हैं। वे लंबे समय से अपनी मातृभाषा कुमाउनी के गद्य विधाओं में लेखन के कार्य में जुटे हैं। किताब विमोचन के अवसर पर 'पहरू' संपादक- डॉ. हयात सिंह रावत, लेखक शिवदत्त पांडे, साहित्यकार अनूप तिवारी, 'पहरू' उप संपादक शशि शेखर जोशी व ललित तुलेरा आदि मौजूद रहे।
हल्द्वानी । ‘पहरू’ कुमाउनी मासिक पत्रिका और ‘कुमाउनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति’ की ओर से वर्ष 2009 से प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले तीन दिवसीय ‘राष्ट्रीय कुमाउनी भाषा सम्मेलन’ का आयोजन 11 नवंबर से 13 नवंबर 2022 तक हल्द्वानी में होगा। ‘पहरू’ पत्रिका और समिति द्वारा आयोजित यह सम्मेलन कुमाउनी भाषा का 14 वां राष्ट्रीय सम्मेलन है। यह सम्मेलन हीरा नगर स्थित ‘पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच’ हल्द्वानी में आयोजित हो रहा है। सम्मेलन भव्य रूप में मनाया जा रहा है। जिसमें कुमाऊं और उत्तराखंड से बाहर देश भर में बसे कुमाउनी साहित्यकार, कुमाउनी भाषा प्रेमी, संस्कृतिकर्मी, कलाकार, चित्रकार शामिल होंगे। सम्मेलन की रूपरेखा तैयार करने के लिए 16 अक्टूबर 2022 को हीरा नगर, हल्द्वानी में हुकुम सिंह कुँवर की अध्यक्षता में सम्मेलन आयोजन समिति की बैठक हुई। हुकुम सिंह कुँवर ने इस इस सम्मेलन को कुमाउनी भाषा के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन कुमाउनी समाज के आत्मसम्मान और पहचा...
■ ललित तुलेरा tulera.lalit@gmail.com कु माउनीक लै हौर भाषानकि चारि पत्रकारिताक आपण इतिहास छु। हालांकि कुमाउनीक खुद आपण पछिल करीब एक हजार सालोंक इतिहास छु पर पत्रकारिताक शुरूवात कुमाउनी में आज बै सिरफ आठ दशक पैंली हैछ। कुमाउनी में यै है पैंली कुमाऊं बै निकलणी साप्ताहिक अखबारों में क्वे बा्ंज कविता, गीत, किस्स छपी करछी। कुमाउनी में बिधिवत पत्रकारिताकि शुरूवात अल्माड़ नगर बै ‘ अचल ’ मासिक पत्रिका दगाड़ भैछ। य पत्रिकाक पैंल अंक फरवरी 1938 में निकलौ। जीवन चंद्र जोशी (24 अगस्त 1901- 30 अप्रैल 1980) य पत्रिकाक संपादक छी। उनार दगाड़ संपादनक काम में तारादत्त पांडे और धर्मानंद पंत लै छी। 'अचल' पत्रिकाक कबर जब कुमाऊं अंचल बै यांकि लोकभाषा और एक जमान में राजभाषा में यस सार्थक काम हुणौछी तब ‘अचल’ पत्रिका लिजी बिख्यात रचनाकार रवीन्द्रनाथ टैगोर और रूसी कलाकार निकोलस रोरिक ल शुभकामना संदेश भेजी और ऊ ‘अचल’ में छपी। रवीन्द्रनाथ टैगोर ज्यूल लेखौ- ‘‘ ऐसी पत्र-पत्रिकाओं की बहुत आवश्यकता है जो भारतवर्ष के ...
कुमाउनी भाषा में ‘कुमाउनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति’ कसारदेवी, अल्मोड़ा (उत्तराखंड) व ‘पहरू’ कुमाउनी मासिक पत्रिका द्वारा कुमाउनी भाषाक बिकास और साहित्य कैं बढ़ावा दिणै लिजी और कुमाउनी भाषा में साहित्याक तमाम बिधाओं में लेखन योजना चलाई जानी। यो साल 2022 में लै कुमाउनी में गद्य और पद्य बिधान में लेखन योजना चलाई जानई। इन पुरस्कार योजनाओंक रचनाकारों कैं ‘पहरू’ व समिति द्वारा हर साल उरायाई जाणी ‘राष्ट्रीय कुमाउनी भाषा सम्मेलन’ में पुरस्कार दिई जां। अलीबेर यों लेखन योजना चलाई जानई- 1. गोविन्द सिंह बिष्ट स्मृति बाल कविता लेखन पुरस्कार योजना श्रीमती नीलम नेगी, से.नि. प्रधानाचार्य, मु. चौधरीखोला, अल्मोड़ा द्वारा दिई मधतल कुमाउनी भाषा में ‘बाल कविता’ लेखन कें बढ़ावा दिनै लिजी ‘गोविन्द सिंह बिष्ट (पूर्व विधायक) स्मृति बाल कविता लेखन पुरस्कार योजना’ चलाई जनै। यो लेखन योजना में क्वे लै उमराक लेखार भाग ल्ही सकनी। हरेक प्रतिभागी कैं पांच बाल कविता भेज...
ललित तुलेरा, अल्मोड़ा । 28 अगस्त 2022 हुं इतवारक दिन ' उज्याव ' ( कुमाउनी भाषाक लिजी युवा तराण) संगठन द्वारा आपण मासिक कुमाउनी काव्य पाठ कार्यक्रम करी गो। ब्यालकार 07 बाजी बै गूगल मीट में ऑनलाइन उरयाई यो 7तूं मासिक कार्यक्रम में रचनाकारोंल कुमाउनी भाषा में कविता सुणाई। 'उज्याव' कुमाउनी भाषा में कलम चलूणी युवाओंक संगठन छु, जमें कुमाऊँ समेत देश भर बै प्रवासी कुमाउनी रचनाकार लै जुड़ रई। संगठन द्वारा हर महैण आँखिरी इतवारक दिन एक ऑनलाइन कवि गोष्ठी कराई जैं। कवि गोष्ठीक संचालन कुमाउनी युवा कवि व 'उज्याव' संगठनक संयोजक दीपक सिंह भाकुनी द्वारा करी गो। य बार कार्यक्रम में खास पौण व कार्यक्रम अध्यक्ष कुमाउनी साहित्यकार पूरन चंद्र कांडपाल (दिल्ली) छी। कार्यक्रमक शुभारंभ दीपा पांडे द्वारा मां शारदाक प्रार्थनाल करी गो। ● यों कुमाउनी रचनाकारोंल करो कविता पाठ- कार्यक्रम में कुमाउनी कवि गोपाल सिंह बिष्ट (देहरादून), पुष्पलता जोशी 'पुष्पांजलि' (हल्द्वानी), भूपाल बिष्ट(रानीखेत), श्रीमान नंदकिशोर जोशी (गुजरात), डॉ. दयासागर...
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